राधास्वामी
परम संत सद्गुरु वक्त सुरेशदयाल जी महाराज द्वारा लिखी गयीं पुस्तकें इस वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त करें।
नौ द्वार संसार के मान,
दसवां द्वार है मन का मान,
ग्यारवहां द्वार से परमात्मा जान।।
इन किताबों को पढ़कर आपको क्या प्राप्त होगा।
- • Living - रहे संसार में, मन परमात्मा में - कर से कर्म करो विधि नाना, मन राखो जहाँ कृपानिधाना।
- • Loving - परमात्मा से बिना शर्त प्रेम करें।
- • Leaving - माया को मोक्ष में बदलना ।
प्रेरणा
किताब पढ़ने की प्रेरणा ज्ञान, मनोरंजन, व्यक्तिगत विकास या पलायनवाद की खोज में निहित है।
और पढ़ेंलक्ष्य
किताब पढ़ने के लक्ष्यों में ज्ञान प्राप्त करना, नए विचारों की खोज करना, खुद को बेहतर बनाना या बस अनुभव का आनंद लेना शामिल हो सकता है।
और पढ़ेंउद्देश्य
किताब पढ़ने का उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना, आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करना और सीखने के प्रति प्रेम पैदा करना है।
और पढ़ेंकिताबों का संक्षिप्त विवरण
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आत्मबोध
हमारा उद्देश्य आत्मा को जानना है क्योंकि यही धर्म है और इसी से मोक्ष होता है, इसी को इस पुस्तक में विस्तार से बताया गया है।
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सत्संगमाला
'सत्संगों का सार', सत्य का संग करने का रास्ता इस पुस्तक में विस्तार से बताया गया है।
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आत्मबोधमाला
आत्मबोध की अवस्था तक पहुंचने का रास्ता।
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पता:
सुरेशादयाल
ब्रह्मज्ञान योग संस्थान मोचकला, बिसवां
सीतापुर, उ○ प्र○, भारत
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